जब भी बैठूंगा तन्हाई में, तेरी याद चली आएगी!
>> Wednesday, March 26, 2008
जब भी बैठूंगा तन्हाई में, तेरी याद चली आएगी,
और जब तक के मैं ख़ुद नही रो लेता ये नही जायेगी।
हाँ जानता हूँ मैं की ये भी तेरी ही दी हुई है,
वो खुशबु मोहब्बत थी तेरी वो भी एक दिन तेरे पास चली जायेगी।
तू चला गया यूं मुझे छोड़ कर अभी तक न यकीं आया,
क्या करूं ये यकीं ख़ुद ही तू एक दिन तोड़ जायेगी।
सितम है मुहब्बत का या है मेरा ही कसूर कोई,
वो दिन कब आएगा जब तू मुझे ये बताएगी।
2 comments:
SUNDER BLOG...........
bhut hi sundar rachana.
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