फिर किसी ने पुरानी राहों से आवाज़ दी है!
>> Tuesday, March 4, 2008
फिर किसी ने पुरानी राहों से आवाज़ दी है,
फिर किसी ने वो दर्द भरी याद दी है।
हम तो भूल चले थे उसको हमेशा के लिए
मगर क्या करें हर एक लम्हे ने उनकी याद दी है।
दिन तो गुज़र जाता है यूँही मगर,
रातों ने न भूलने की सौगात दी है।
तड़प रहा था मैं तेरी तस्वीर देखकर,
फिर से तस्वीर ने मेरे साथ दगा की है।
हर एक आंसू जो गिर रहा है मेरा सनम,
हर इस आंसू ने तुझे आवाज़ दी है।
1 comments:
bahut hi badhiya
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