ये शाम मुस्कुराएगी तो नींद आएगी!
>> Saturday, March 1, 2008
ये शाम मुस्कुराएगी तो नींद आएगी!
जब तू नज़र आयेगी तो नींद आयेगी।
गुज़र जायेगी ये रात अगर ऐसा न हुआ,
हम तो रोयेंगे पर तुम्हे भी न नींद आयेगी।
तड़प जाओगे जब भी मेरे बारे में सोचोगे,
निकल जायेगी आह जब भी मुझे भुलोगी।
सितम करने की कोशिश तो बहुत की तुमने दिलबर,
जो पहले से ही मारा हुआ है उसे और कितना नुकसान पहुँचाओगी।
गज़ब होगा वो दिन भी समान मेरे लिए
जिस रोज़ मुझसे रूठ कर चली जाओगी।
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