आज फिर ख्याल आया
>> Thursday, January 17, 2008
मुझे आज फिर तेरा ख्याल आया
नजाने क्यों phir से होठों पे सवाल आया
इंतज़ार मोहब्बत की किस्मत है जानता में भी हूँ
पर हर इंतज़ार के होने के ख्याल पे रोना आया
मुझे खबर भी न थी के वो चला जाएगा यूं
वो चला भी गया पर अब तक न दिल को ऐतबार आया
हजार बार तुझे ख्वाबों में पुकारा मैंने
साल बीत गया अब तक न तेरा जवाब आया
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