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तेरे इंतज़ार में इस चोखट पे एक चिराग जलाकर रखा है!

>> Monday, May 26, 2008

तेरे इंतज़ार में इस चोखट पे एक चिराग जलाकर रखा है,
तेरी याद को अब तक सीने से लगाकर रखा है।

हम तो अब हँसते भी नही खुलकर किसीके सामने,
इस हंसी को बस एक तेरे वास्ते संभाल रखा है।

गुलाबी होती है जब डाली फूलों के भर जाने से,
हमने तेरा चेहरा उसमें मुस्कुराते देखा है।

तड़प देखी है तेरी यादों में, अंधेरे में उजाला देखा है,
एक तूने ही नही देखा, सारे आलम ने ग़म मेरा देखा है।

1 comments:

jasvir saurana June 15, 2008 at 10:36 PM  

तड़प देखी है तेरी यादों में, अंधेरे में उजाला देखा है,
एक तूने ही नही देखा, सारे आलम ने ग़म मेरा देखा है।
vha kya bat hai.ati uttam.

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